Bhakti

ईश्वर ने इस सृष्टि में सारी चीज़ें सुंदर बनाई हैं, पर तीन भावनाएँ ऐसी हैं जो सबसे ज़्यादा सुंदर हैं - ममता, प्रेम और भक्ति। जब तक इस विश्व में भक्ति है, तब तक यह विश्व में कभी पूरा अंधेरा नहीं होगा। भक्ति, यानी ईश्वर (ज्ञान) के प्रति समर्पण, मनुष्य के अंतर्गत प्रगति का मार्ग है। सच्ची भक्ति उसे प्रकाश की ओर ले जाती है। एक सच्चा भक्त पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर देता है। उसका पावन मन, उसके हृदय के स्पंदन, उसकी चेतना, उसकी संवेदना, सब कुछ ईश्वर की ओर केन्द्रित हो जाती हैं। उसे न अपना स्वार्थ याद रहता है और न कुछ और, बस वह ईश्वर को निहारता रहता है। शून्य हो कर, पूरी तरह से खाली हो कर। वहाँ न भूतकाल रहता है, न भविष्य, वहाँ सिर्फ वर्तमान होता है। न कोई दुःख, न कोई इच्छा, सिर्फ प्रेम। ऐसा लगता है जैसे ईश्वर ही अपनी प्रतिमा को किसी और रूप में निहार रहा हो, क्योंकि तब और कोई भेद बचता ही नहीं।

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